Lokpriya Jatak Kathaye By Mahesh Dutt Sharma


 


भगवान् बुद्ध के अनुयायी बुद्ध घोष ने लगभग दो हजार वर्ष पहले जातक कथाएँ लिखीं। जातक कथाएँ बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा हैं।

जातक कथाओं में भगवान् बुद्ध के 547 जन्मों का वर्णन है। कथाओं की विविधता; शैक्षिकता; रोचकता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पुस्तक में भगवान् बुद्ध के पे्ररक प्रसंगों को भी स्थान दिया गया है। कथाओं में पात्रों के रूप में पशु-पक्षियों; मनुष्य; सामाजिक परिवेश; भावनाओं इत्यादि सभी का समावेश भगवान् बुद्ध के विराट् व्यक्तित्व को दरशाता है।

इतने सालों बाद आज भी इन अमरकथाओं की प्रासंगिकता जस-की-तस बनी हुई है। इनके अध्ययन और अनुकरण द्वारा कोई भी नीति-निपुण तथा नैतिक ज्ञान-संपन्न हो सकता है; इसमें जरा भी संदेह नहीं है।

हर आयु वर्ग में पाठकों के लिए पठनीय; संग्रहणीय और अनुकरणीय पुस्तक।




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